You have generally heard that there is no religion of terror, but whether it is true or Pseudo-truth. Today will highlight the same-
In the recent terrorist attack, this terrorist attack happened on the security personnel of CRPF in Pulwama, Jammu and Kashmir state of India, in which 44 soldiers were killed and many injured. The name of the attacker was Adil Dar.
The organization which took its responsibility, its name is "Zash-e-Muhammad". Zash-e-Muhammad means "army of Muhammad". If you wish, you can check on someone or Google.
Jaish-e-Mohammad is an Islamic organization of Pakistan and this same Jaish-e-Muhammad has taken over the responsibility of the attack. Even after taking responsibility, Pakistan is demanding proof of action, but if he forgets then Jaish-e-Mohammad himself has said it to be done.
The head of Jaish-e-Mohammad is Maulana Masood Azhar. Jaish-e-Mohammad is a jihadist organization that works to increase Islam. This organization, which executes the most brutal events in the world, can go to any extent to increase Islam. But this is not the only Islamic organization that is working on it, apart from this, different countries of the world are similar to many Islamic organizations. Those who are increasing the Islamic terrorism in different ways. One example of this is that 10 boys were arrested in the arms of illegal weapons in India two months ago, none of them was non-Muslim, that is, all were all Islamic jihadis. Even after this, religion is not known for terrorism.
Go ahead now
It was not the case that two youths were re-arrested within eight days of the Pulwama terror attack and their connections were found with Jaish-e-Mohammad. They are both students of "Darul Uloom Deoband".
For your information that Darul Uloom Deoband is an Islamic school run in India. Even after this people say that there is no religion of terror.
Four days after the Pulwama terror attack, Prince Mohammad bin Salman of Saudi Arabia reached Pakistan, but he did not call on Jaish-e-Mohammad for the Pulwama attack, nor advised Pakistan to stop them, while they knew It was that this attack was done by Jaish-e-Mohammed.
Now you must be wondering why he did not talk about Jaish-e-Mohammed and about his terror?
A day after this, the Prince comes to India and here also he does not even use a word against Jaish-e-Mohammed.
But this silence of Salman gave us an answer that "I am Islam and you all are not able understand me till, then I am alive, terror could not end from this world."
For this, the history of Islam is a witness that terrorism is a very small matter where Islam runs and would like to Expand.
Comment on what you think about Islamic terrorism.
Thanks, Jai Sanatan Dharma
आपने सामान्यतया यह सुना ही होगा कि आतंक का कोई सम्प्रदाय नहीं होता है परन्तु क्या यह सत्य है अथवा छद्मसत्य | आज इसी पर प्रकाश डालेंगे-
आरम्भ करते हैं हाल ही में हुआ आतंकी हमले से, यह आतंकी हमला भारत के जम्मू-कश्मीर राज्य के पुलवामा नामक स्थान पर सीआरपीएफ के जवानों पर हुआ जिसमें 44 सिपाही मारे गए और कई घायल भी हुए | इस हमले को करने वाले का नाम आदिल डार था |
जिस संगठन ने इसका दायित्व लिया उसका नाम "ज़ैश-ए-मुहम्मद" है | ज़ैश-ए-मुहम्मद का अर्थ "मुहम्मद की सेना" होता है | आप चाहें तो किसी जानकार अथवा गूगल पर जाँच कर सकते हैं |
जैश-ए-मुहम्मद पाकिस्तान का इस्लामिक संगठन है और इसी जैश-ए-मुहम्मद ने हमले का दायित्व अपने ऊपर लिया है | जिम्मेदारी लेने के बाद भी पाकिस्तान कार्यवाही करने के लिए प्रमाण माँग रहा है किन्तु वह भूल गया तो जैश-ए-मुहम्मद ने स्वयं इसको करवाने की बात कही है |
जैश-ए-मुहम्मद का प्रमुख मौलाना मसूद अजहर है | जैश-ए-मुहम्मद एक जिहादी संगठन है जो इस्लाम को बढ़ाने के लिए काम करता है | विश्व में सर्वाधिक क्रूर घटनाओं को अंजाम देने वाला यह संगठन इस्लाम को बढ़ाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है | परन्तु यह अकेला इस्लामिक संगठन नहीं है जो यह काम कर रहा है, इसके अतिरिक्त भी विश्व के भिन्न-भिन्न देशों इसी प्रकार के कई इस्लामिक संगठन हैं | जो अलग-अलग तरीके से इस्लामिकआतंक को बढ़ा रहे हैं | उसी का उदाहरण है कि भारत मे 2 माह पहले 10 लड़कों को अवैध हथियारों के दण्ड में गिरफ्तार किया गया उनमें से एक भी गैरमुस्लिम नहीं था अर्थात सब को सब इस्लामिक जिहादी थे | इसके बाद भी आतंकवाद का धर्म किसी को पता नही है |
अब आगे चलते हैं
बात यहीं नहीं रुकी पुलवामा आतंकी अटैक के 8 दिन के भीतर दो युवकों को पुनः पकड़ा गया और उनके कनेक्शन जैश-ए-मुहम्मद से पाए गये | वे दोनों "दारुल उलूम देवबंद" के छात्रों में से हैं |
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दारुल उलूम देवबंद एक इस्लामी स्कूल है | इसके बाद भी लोग कहते हैं कि आतंक का कोई धर्म नहीं होता |
पुलवामा आतंकी हमले के बाद चार दिन ही हुए थे कि सऊदी अरब को प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान पाकिस्तान पहुँचते हैं परन्तु उन्होने पुलवामा हमले के लिए ना तो जैश-ए-मोहम्मद पर बोले और ना ही पाकिस्तान को इन सबको रोकने की सलाह दी जबकि उन्हें पता था कि यह हमला जैश-ए-मोहम्मद ने ही कराया है |
अब आप सोच रहे होंगे कि उन्होंने जैश-ए-मोहम्मद के बारे में और उसके आतंक के बारे में क्यों नहीं बोले?
इसके एक दिन बाद प्रिंस भारत आते हैं और यहाँ पर भी जैश-ए-मोहम्मद के विरुद्ध एक शब्द का भी प्रयोग नहीं करते |
परन्तु सलमान की यह चुप्पी हमें एक उत्तर दे गयी कि "अरे मूर्खों मैं इस्लाम हूँ और मुझे तुम सब समझ नही रहे हो जब तक मैं हूँ तब तक इस विश्व से आतंक समाप्त नहीं हो सकता है"
इसके लिए इस्लाम का इतिहास गवाह है कि इस्लाम जहाँ से चलता है और अपना विस्तार कर रहा होता है वहाँ आतंक बहुत छोटी बात है |
इस्लामिक आतंकवाद के बारे में आपके क्या विचार हैं टिप्पणी करके बताएं |
धन्यवाद जय सनातन धर्म
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