समाज में पनप रहे विभिन्न प्रकार के अपराधों का एक कारण नशा भी है।है नशे की लत बीमारी है नशा किसी भी प्रकार का हो उससे शरीर को भारी नुकसान होता है सबसे पहले नवयुवक मजा पाने के लिए नशा करते हैं कुछ लोग अपने दोस्तों के दबाव में दरअसल नशा चीज ही ऐसी है कि जो खून में जाते ही आदमी को खुशी और स्फूर्ति का एहसास कराती है।.किसी सामान्य मनुष्य की मानसिक स्थिति को बदलकर नींद या मदहोशी की हालत में ला देता है, नशे के आदि इन्सान, चाहे तब भी इसे नहीं छोड़ पाता, क्युकी उसे तलब पड़ जाती है, और फिर तलब ही उसे नशा की ओर और बढ़ाती है तनाव, किसी तरह की पारिवारिक परेशानी, समस्या के कारण भी इन्सान नशा का आदि हो जाता है,पढ़ाई में पिछड़ जाना, प्यार में असफल हो जाना, नौकरी छूट जाना, परिवार से सहानुभूति अथवा प्यार न मिल पाना, बचपन में शोषण के शिकार हो नशे की प्रवृत्ति में वृध्दि के साथ-साथ अपराधियों की संख्या में भी वृध्दि हो रही है। आजकल के नवयुवक में नशे की प्रवृत्ति में वृध्दि के साथ-साथ अपराधियों की संख्या में भी वृध्दि हो रही है। इसके जड़ से निपटने के लिए सरकार को बड़े कदम उठाने चाहिए।
दृढ़ इच्छाशक्ति पहली आवयश्कता है तथा कोई भी नशा करने वाले अपनी मर्जी से जब चाहे नशा करना छोड़ सकते हैं।
Mojhe hindi parna nehi aata. Lekin shonne mey koi problem nehi hey. But I read out your comments by google talk. nice comments. Thank for valuable comments.