हमारे देश का कुछ नही हो सकता ।हमारे देश के जो नेता है वो सबसे ज्यादा भ्रष्टचार में सबसे ज्यादा उपलब्धि ही।उनको कोई मतलब नही है ।कोई जिये या मरे।जब तक ऐसे नेता रहेंगे देश कभी नही आगे बढ़ सकता।@आशु जी की आपकी पोस्ट बहुत अच्छी है।जिससे लोगो को कुछ सीखने को मिलेगा।
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बिलकुल भी निराश होने की दशा भी नहीं है। लोकतंत्र में राजनेता और राजनितिक विचारधारा आम-जन की ही औसत सोच का आईना होती है। यदि राजनितिक स्तर पर भी कोई परिवर्तन लाना हो तो अव्वल तो हमें आम-जन को शिक्षित और जागृत करना होता है।
ठीक इसी प्रकार, जब समुचित जन-जागृति से आम-जन को रूढ़िवादी विचारधारा से ऊपर उठने पर , जब निरीह पशुओं की दयनीय अवस्था का मूल कारण समझ आएगा तो फिर राजनेताओं को समझाना तो बड़ा आसान हो जाएगा। लेकिन जब तक हम नहीं समझेंगे, राजनेताओं से आशा करना व्यर्थ है।