Wednesday For water, to be continued ‌‌‌अनमोल पानी

in #india7 years ago

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‘‘हमारे शरीर के लिए पानी का क्या उपयोग है अंकल ?‘‘
‘‘यदि संरचना की दृष्टि से देखे, तो हमारे शरीर का सत्तर से नब्बे प्रतिशत भाग जल से ही बना है। हमारे शरीर के अंदर सभी रासायनिक क्रियाएँ माध्यम में ही होती है। हमे पानी के लिए प्रमिदिन औसम रूप से तीन लीटर पानी की आवश्यकता होती है। यदि शरीर के अंदर पानी की मात्रा की दस प्रतिशत की भी कमी हो जाए, तो डिहाइडेशन होे जाता हैं और हमारा जीवन खतरे में पड़ जाता है। में तुम्हे इसीलिए डाँट रहा था, कि पानी बहुत कीमती चीज है इसे बेकार मत बहाओ‘‘
‘लेकिन अंकल यदि देखा जाए हो पानी जमीन के अंदर से निकलता है। और हम जो पानी बहा देते हैं वह भी पुनःजमीन के अंदर ही चला जाता है, तो फिर पानी की बर्बादी कैसे हुई?‘‘
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‘‘ऐसा सोचना तुम्हारी भूल है अमन !हम पीने के लिए जिस पानी का उपयोग करते है। उसे भमि के काफाी नीचे से निकाला जाता है। क्योकि निचली सतह का पानी अपेक्षाकृत अधिक शुद्ध होता है लेकिन जो पानी हम बहा देते हैं वह पुनः नीचे सतह तक नही पहुँच पाता। उस पानी का काफी हिस्सा तो तुरंत वाष्प बनकर उड़ जाता है। जो पानी गड्ढां आदि में एकत्र होता है। वह सड़कर प्रदूषित हो जाता है। और जो थोड़ा बहुत पानी रिस-रिस कर पृथ्वी के अंदर जाता है। वह ऊपरी सतह में ही रहता हैं और धीरे -धीरे वाष्पीकृत हो जाता हैं यही कारण है, कि पृथ्वी के अंदर पानी की सतह काफी तेजी से नीचे गिर रही है।
‘‘लेकिन अंकल क्या ऐसा नही हो सकता, कि जब पीने योग्य पानी की किल्लत होने लगे, तो किसी प्रकार समुद्र के खारे पानी को पीने योग्य बना लिया जाए?‘‘
‘‘हाँ एक विकल्प यह भी है। और वैज्ञानिक इस दिशामे प्रयास भी कर रहें है; लेकिन अफसोस यह है, कि सम ुद्र का पानी भी अब बहुत दूषित हो चुका है
‘‘वह कैसे अंकल! नदियो के प्रदूषण की बात तो समझ में आत है। शहरों के गंदे नाले और कल-कारखानो का कचरा बहर देने से नदियो का जल दूषित हो जाता है। लेकिन इतना विशाल समूद्र भला कैसे प्रदूषित हो सकता है।‘‘
‘‘वैज्ञानिक भी पहले यही सोचते थे, कि लगभग एक -चैथाई क्षेत्रफल पर रहने वाले मनुष्य तीन-चैथाई क्षेत्रफल पर फेले विशाल समुद्र को पदुषित नही कर सकेगंें। लेकिन यह अनुमान गलत साबित हुआ। समुद्रो ंके प्रदुषण ाक मुख्य कारण यह है, कि समुद्रो के किनारे बसे औद्योगिक नगरो के उद्योगो का कचरा सीधं समुद्र मे गिरा दिया जाता हैं परमाणु हथियार संपन्न देशों ने अपना रेडियोधर्मी कचरा भी कूडा-कचरा फेका जाता ळें वह वर्षा जल के साथ बहकर नही-नालो से होता हुआ, अंततःसमुद्र मे ही जाता हैं जब से समुद्र के अंदर से खनिजों औा तेलों का दोहन प्रारम्भ हुआ है, तब से समुद्र का पानी और भी अधिक प्रदूषित हुआ है। क्योकि इन खनिजो और तेलो आदि की काफी मात्रा रिसकर समुद्र के जल में मिल जातीं समुद्रो होने से उसके अदंर रहने वाले जलीय जंतुओ क जीवन के लिए भी खतरा उत्पन्न हो गया है।‘‘
I think you will like this post.
Enjoy your Wednesday.
Have a good day.


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(We are very grateful to this. And you continue to have success)

(Deepak Kumar Ahlawat)

@ahlawat


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Good post about water uses and importance.
You have raised a very good topic. Nice.

yes! thank you!

It's good for all Indian to trend in Hindi keep it up bro I ' m with you

yes! thanks so much

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