कभी-कभी इंसान प्यार और सुकून की तलाश में पूरी जिंदगी भटकता फिरता है और अंत में उसे यह मालूम चलता है कि, सुकून तो वहीं था जहां से वह इसे ढूंढने निकला था I
अब हमें यह तय करना है कि इस छोटी सी जिंदगी को हमें प्यार ढूंढने में सुकून ढूंढने में खर्च करना है या वास्तविक रूप में प्यार करने में अपने परिवार से अपने समाज से अपने देश से जय हिंद जय भारत I@mehta जी बिल्कुल सही कहा आपने एक प्यार ही तो है जिसके सहारे से यह दुनिया टिकी हुई है ।हम जब किसी के साथ प्यार के संबंध में होते हैं तो उस वक्त हम अपने वास्तविक रूप में होते हैं इसमें कोई बनावटी पन नहीं होता है। प्यार ईश्वर की एक अनूठी देन है जो हमें आपस के बांध के रखती है।
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@atulwivedime क्या सही बात कही है आपने । हमें हर हाल में सभी से प्यार करना है । :)