Why are parents sharing?
In today's era, children are being found to be divided among parents. A brother wants to see his mother, the other father. At the last stop of life, when they need each other, they are separating them because you can not take responsibility for two people. Do not ever think that at this age of age, they both
Sahara happens if you separate them, they break
Will go Parents never have affection for their children
All children are equal for them not divide
Are there. Then why we share them! If four brothers
If you are a sister, leave it at the parents' wish
Which child do you want to live with? When you have
Come also stay with full respect when they go
They want to leave the other siblings' house
Do not understand grandfather
In the homes where women work.
Dada-grandmother wants to keep her alive till that time.
Unless the children grow older Grandfather
Never look at the form The sacraments they give to children.
That which can not come, the affection they give is by money
Can not be bought. So this precious relationship
Respect In the shadow of elderly people
Let's get it but keep in mind that their respect is never
Do not get hurt.
Do not Earn Out From Elderly
Do not expect that father after retirement
Find another job. This is the day of their rest
They are the ones who have earned them on the family
Have spent. Now you give them pleasure If pension
Let them use them according to their wishes. They have the obligation to fulfill their needs.
Parents are not dated out
Never forget that parents and parents
Whether you wear sari or rustic costume parents
Giving full respect to any environment and
Join all that you are our parents.
pay attention
Give full respect to parents
Give them freedom to travel.
Make a member of the club of the elderly.
Invite letters for them.
If they are impaired, then serve them.
If you are afraid of falling, then grab and hold. Often the death of the elderly is due to falling, so instruct the children that they too should pay attention to grandparents.
Due to lack of teeth, they can not eat food properly, so make a liquid diet.
If you need medication then bring it on time.
Do not do any such thing that makes him sad.
Parents can live in absence but do not ignore
Can endure
It is your obligation to not let the family tree be destroyed.
Do not bother you
The house will be relaxing from these
माता-पिता का बंटवारा क्यों?
आज के दौर में बच्चों के बीच मां-बाप का बंटवारा देखने को मिल रहा है। एक भाई मां को देखना चाहता है दूसरा पिता को। जिन्दगी के अंतिम पड़ाव में जब उन्हें एक दूसरे की जरूरत होती है उस वक्त उन्हें आप इसलिए अलग कर रहे हैं क्योंकि दो लोगों की जिम्मेदारी नहीं उठा सकते। ऐसा कभी मत कीजिए, उम्र के इस मोड़ पर वे दोनों एक दूसरे का
सहारा होते हैं यदि आप उन्हें अलग कर देंगे तो वे टूट
जाएंगे। मां-बाप कभी अपने बच्चों के बीच स्नेह का
विभाजन नहीं करते उनके लिए सब बच्चे बराबर होते
हैं। फिर हम उनका बंटवारा क्यों करें ! अगर चार भाई
बहन हैं तो माता-पिता की मर्जी पर छोड़िए कि वे कब
किस बच्चे के पास रहना चाहते हैं। आपके पास जब
भी रहने आएं पूरे सम्मान के साथ रखें जब वे जाना
चाहें उन्हें दूसरे भाई-बहन के घर छोड़कर आएं
दादा-दादी को आया न समझे
उन घरों में जहां महिलाएं कामकाजी होती हैं।
दादा-दादी को उस समय तक संग रखना चाहती हैं।
जब तक बच्चे बड़े नहीं हो जाते। दादा-दादी को इस
रूप में कभी नहीं देखें। वे बच्चों को जो संस्कार देते हैं।
जो आया नहीं दे सकती, जो स्नेह वे देते हैं वह पैसे से
नहीं खरीदा जा सकता। अत: इस अनमोल रिश्ते का
सम्मान कीजिए। नन्हें मुन्नों को बुजुर्गों की छांव में
पलने दें लेकिन ध्यान रखें की उनके सम्मान को कभी
ठेस न लगे।
बुजुर्गों से न करें कमाई की अपेक्षा
रिटायरमेंट के बाद यह अपेक्षा न करें कि पिता
दूसरी नौकरी तलाशें। यह उनके आराम करने के दिन
होते हैं ।सारी उम्र उन्होंने जो कमाया है वह परिवार पर
खर्च किया है। अब आप उन्हें सुख दीजिए। यदि पेंशन
मिलती हैं तो उसका उपयोग उन्हें उनकी मर्जी के मुताबिक करने दीजिए। उनकी जरूरतें पूरी करने का दायित्व है उसे निभाइये।
माता-पिता को आउट डेटेड न समों।
यह कभी मत भूलिए की मां-बाप मां-बाप ही
होते हैं चाहे साड़ी पहनें या देहाती पोशाक माता-पिता
किसी भी परिवेश से हों उन्हें पूरा सम्मान दीजिए और
सभी से मिलवाइए कि आप हमारे माता-पिता हैं।
ध्यान दें
माता-पिता को पूरा सम्मान दें।
उन्हें आने-जाने की आजादी दें।
बुजुर्गों के क्लब का सदस्य बनवाएं।
उनके लिए पत्र-पत्रिकाएं मंगवाएं।
यदि वे अशक्त हैं तो उनकी सेवा करें।
यदि गिरने का डर हो तो पकड़कर उठाएं। अक्सर बुजुर्गों की मौत गिरने से होती है अत: बच्चों को हिदायत दें कि वे भी दादा-दादी का ध्यान रखें।
दाँत न होने के कारण वे ढंग से खाना नहीं खा सकते अत: तरल आहार बनाकर दें।
यदि दवा की जरूरत है तो समय पर लाकर दें।
ऐसी कोई बात न करें जिससे उन्हें दुःख हो।
माता-पिता अभाव में जी सकते हैं लेकिन उपेक्षा नहीं
सह सकते।
परिवार रूपी वृक्ष न मुरझाए यह दायित्व अब आपका है।
ना मुरझाने दो इन्हें तुम
घर इन्हीं से चमन होगा।
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