दूध छोड़, दया जोड़।।
दो दिन पहले की ही बात है, जैसा इस फोटो में दिख रहा है, समाचार-पत्र में खबर थी कि गायें अब सिर्फ़ बछड़ीयों को ही जन्म देंगी । पढ़कर बड़ा ही ख़राब लगा, देखो कैसे दिन आ गए है कि इन्सान अपनी इच्छापूर्ति के लिए कुछ भी कर सकता है, चाहे उसके लिए उसे किसी भी प्रजाति के साथ कुछ भी करना पड़े, वह करेगा । सही और गलत नहीं देखेगा ।
इन्सान अपनी दूध और उससे बने उत्पादों की अनवरत प्राप्ति के लिए कुछ भी करने को तैयार है । उसने गाय और भैस को दूध देने की मशीन बनाकर रख दिया है । ओर तो ओर अब तो हद ही कर दी ।
अब तो भारत देश में भी सिर्फ ओर सिर्फ बछड़ीयों का ही जन्म होगा, वो भी सिर्फ हजार से दो हजार रुपयों में । वाह क्या कमाल किया है ! जिस गाय को भारत देश में माँ का दर्जा प्राप्त है, उसके साथ इन्सान क्या-२ नहीं कर रहा है। अब तो बात उसके बच्चों तक आ गई है । कोई भी (अधिकतर) आँखे खोलकर देखना ही नहीं चाहते है कि उसके साथ कितने अत्याचार हो रहे है ।
मैं सिर्फ संक्षेप में इतना ही कहना चाहूँगा कि हमें दूध का मोह (स्वाद ) छोड़ देना चाहिए और इस मूक पशु को इसका प्राकृतिक जीवन जीने देना चाहिए ।
दूध छोड़, दया जोड़।। Steeming
आपने बिल्कुल सही कहा मेहता जी ।
जब भी हम प्रकर्ति के खिलाफ कुछ भे करेंगे तो परिणाम इन्सानो के लिए हानिकारक ही होंगे।।
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@bhattg बात को सही तरह से समझने के लिए आपका शुक्रिया ।
Good!like post
Thanks @yfnfkmz
Congratulations @mehta!
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भारत में नया बदलाव लाने के लिये समय लगता हे लेकीन होता जरुर हे
सही कहा है आपने @sanpawar