1.स्विस बैंक के निष्क्रिय खातों में भारतीयों का 300 करोड़ का काला धन
- तीन साल बाद भी नहीं आया कोई दावेदार सामने।
- इन अकाउंट्स को 2020 तक रखा जाएगा और इसके बाद इन्हें दावेदार न मिलने पर खत्म कर दिया जाएगा।
स्विट्जरलैंड के बैंकों में भारतीयों का 300 करोड़ का काला धन ऐसा है जिसका तीन साल बाद भी कोई दावेदार सामने नहीं आया है। स्विट्जरलैंड ने पहली बार दिसंबर 2015 में कुछ निष्क्रिय खातों की सूची जारी की थी। इस लिस्ट में स्विट्जरलैंड के नागरिकों के साथ ही भारत के कुछ लोगों समेत बहुत से विदेशी नागरिकों के नाम हैं।
2020 तक रखे जाएंगे अकाउंट
स्विस बैंक समय-समय पर इस तरह के अकाउंट्स की जानकारी जारी करता है। खातों के दावेदार मिलने के बाद लिस्ट से उस अकाउंट होल्डर की जानकारी हटा दी जाती है। साल 2017 में बैंकों ने इस लिस्ट से 40 अकाउंट और दो सेफ डिपॉजिट बॉक्स की जानकारी हटाई थी। इसके बावजूद अभी भी इस लिस्ट में 3500 से ज्यादा अकाउंट होल्डरों के नाम है। इनमें से कम से कम 6 अकाउंट भारतीयों से जुड़े हैं। ऐसे खातों में पड़ा कुल धन लगभग 4.4 करोड़ स्विस फ्रैंक यानी 300 करोड़ है। लिस्ट में शामिल इन अकाउंट्स को 2020 तक रखा जाएगा और इसके बाद इन्हें दावेदार न मिलने पर खत्म कर दिया जाएगा।
2016 में आई थी सबसे बड़ी गिरावट
2016 में भारतीयों के स्विस बैंकों में रखे धन में 45 फीसदी की कमी आई थी। 676 मिलियन स्विस फ्रैंक (4,500 करोड़ रुपये) की ये सबसे बड़ी गिरावट थी। 1987 में यूरोपियन बैंक ने डेटा सार्वजनिक करने की शुरुआत की थी। जिसके बाद से 2016 की गिरावट सबसे बड़ी गिरावट थी।
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