जनता के पैसे हैं जनता चाहे जितना निकासी करे । इसका संज्ञान वर्त्तमान सरकार को सोचना चाहिए की निकासी आम जनता ही बार बार करती है जिसका बचत खाता है न की चालू खाता होता है।
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जनता के पैसे हैं जनता चाहे जितना निकासी करे । इसका संज्ञान वर्त्तमान सरकार को सोचना चाहिए की निकासी आम जनता ही बार बार करती है जिसका बचत खाता है न की चालू खाता होता है।