Hello my steemit Frinds So today, you want to explain to a true story.
There is a landlord in my village.
https://goo.gl/images/AkjKyY he landlord had a son in one day.
On that day a farmer came to the landlord and said that you buy my land and I need 80,000 rupees.
The landlord asked that he is your land where tubewell is engaged.
The farmer said that he is my land.
The landlord said but that land was 300,000 lakhshttps://goo.gl/images/T8pAgr
The farmer said I need only 80,000.
The landlord does not want to take advantage of your power of speech.
The landlord asked why you want to sell this land.
The farmer cried crying: My mother is very sick and needs money for treatment.
After thinking about something, the farmer said, 'Why do you want to pay more money to my land, you can buy it for Rs 80,000.'
The landlord does not want to take advantage of anybody's ability to speak, because if you take advantage of your power, then God will never let me be happy.The landlord said you stop crying, your mother's cure would surely be that we will raise money by collecting people from all the villages.
And you do not need to sell your land, you cultivate it and pay back all of it.
Then the farmer tears his tears and groans himself.
The next day, when all the people of the village deposited the money, all the money was deposited.
And we get this Sikh from this point that we should not take advantage of the power of anyone, but he should be able to help him in his helplessness.
किसी की मज़बूरी का फायदा कभी नहीं उठाना चाहिए
तो आज में आप को एक सच्ची कहानी से वखिफ करना चाहता हु.
मेरे गाँव में एक जमींदार रहता हे एक दिन में जमींदार के पास बेटा था.
उस दिन जमींदार के पास एक किसान आया और बोला की आप मेरी जमीन खरीद लीजिए और मुझे 80,000 रूपये की जरुरत हे.
जमींदार ने पूछा कि वही तुम्हारी जमीन है जहां पर टूबवेल लगी हुई है.
किसान ने कहा की जी वो ही मेरी जमीं हे.
जमींदार ने कहा लेकिन वो जमीं तो 300,000 लाख की हे
जमींदार बोलै में तुम्हारी मज़बूरी का फायदा नहीं उठाना चाहता हु.
जमींदार बे पूछा तुम इस जमीन को बेचना क्यों चाहते हो.
किसान रोते हुए बोला मेरी माँ बहुत बीमार है और इलाज के लिए पैसे चाहिए.
किसान कुछ सोचने के बाद बोलै साहब आप मेरी जमीं के ज्यादा पैसे क्यों देना चाहते हो आप तो उसे 80,000 रूपये में भी खरीद सकते हो.
जमींदार बोलै में किसी की मज़बूरी का फायदा नहीं उठाना चाहता हु क्यों की अगर में तुम्हारी मज़बूरी का फायदा उठाऊंगा तो भगवन मुझे कभी खुश नहीं रहने देंगे.
जमींदार ने बोला तुम रोना बंद करो तुम्हारी माँ का इलाज जरूर होगा हम सब गांव वाले लोग मिल कर पैसे जुटाएंगे करेंगे.
और तुम्हे अपनी जमीन बेचने की कोई जरुरत नही हे तुम इस पर अचे से खेती करना और सब का पैसा लौटा देना
फिर वो किसान अपने आंसू पोछते हुए अपने गर गया .
अगले दिन सब गांव वालों ने पैसे जमा किये तो पुरे पैसे जमा हो गए.
और हमें इस बात से ये सिख मिलती हे की हमें किसी की मज़बूरी का फायदा नहीं उठाना चाहिए बल्कि उसकी मज़बूरी में उसकी मदद करनी चाहिए.
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