You are viewing a single comment's thread from:

RE: सुख : स्वरूप और चिन्तन (भाग # २) | Happiness : Nature and Thought (Part # 2)

in #life6 years ago

कामयाबी हासिल करने के लिए खुदको उसके काबिल बनाना आवश्यक है
वर्ना जब कुम्हार बर्तन बना कर ठोकता है के यह सही बना है या नहीं
अगर गलती से वो बर्तन टूट जाये तो उसे बाजार नहीं बल्कि कोई कोना ही नसीब होता है
इसलिए कामयाबी हासिल करने के लिए खुदको काबिल बनाना बोहोत ही जरूरी है