You are viewing a single comment's thread from:RE: सुख : स्वरूप और चिन्तन (भाग # २) | Happiness : Nature and Thought (Part # 2)View the full contexthrj333 (32)in #life • 6 years ago दया धर्म अपना ले तु बंदे, झूठ - पाप को त्याग। मोह माया को छोड़कर, अपना ले तू वैराग।।