It has been said that "the destruction of a country can be prevented only by the storm of nationalist obsession, but only those who are obsessed with themselves can create the passion of nationalism in others," and, as it is, divisive and deceitful mentality and tasir There is no longer time to change, therefore the elimination of the betrayer is possible only by the end of the betrayers. In the punishment of treason and betrayal i.e. death sentence ie in our India Constitutional provisions and I believe that heinous criminals, including those no human rights of national, Jndrohi .. !!
Be seen friends, now we have passed the day of personal happiness of the Indians and in reality a very dark future is knocking on our doors, instead of becoming the nation, we are going to be the innovator and the leader is becoming the following common man, Why not play evil by putting stones on it, but why do not we play it? When we are in reality, there is a common man without a leader. Ovr cap to the pseudo-secular, Muslim communalism in the name of brotherhood wear, separatists, Islamic terrorist supporters and is better than becoming common man name become Hanger hidden Maoist rebels benign facade dreaded go hardcore and become violent nationalist ...! !
Remember that the struggle for nationalism or for ordinary life is the father of all things, the choice of suffering and violence, in the world of today's merciless animals, the inhuman people from us can not live with the principle of humanity or save themselves, rather They can only survive through brutal conflicts, you have to retaliate against it, counter attack on enemies or in-house naxalites, including primary attack. Rashtravadi against the plaintiffs and the chaotic terrorists can understand the struggle of the warrior soldiers, in which anytime anywhere between nationalist military guards and enemies, including brotherhood or dialogue, election, not dependent on majority based impotent system, but enemies, attackers The same attack and strict punishments are controlled by the same system of destruction and oppression. Therefore, Somewhere and are Bymukt are finding life ... !!
Today, our impotent and self-respected leaders and supporters think that the war on the border and terrorists, behaviors from the Maoists should be similar to the sporting events of the Middle Ages and the problems should be solved only by the dialogue, but the truth is the opposite That's why any such coalition which is not intended to fight against supporters including anti-nationalists, Islamic terrorists and allies. Land that is silly and useless traitor and Jndrohi myself ... !!
Friends, if you remember everyone, then all these leaders used to say that it is good to die for our country and it is right, but in today's time, without war or war, in your death there is nothing good or right, you and We will be killed like a dog without any special reason, the so-called patriots of today do not always talk about death for their country, but they always talk about the very important thing to kill for their country. Do not do the same now, why .. ??
Today, the primary duty of every patriot is to protect his own country and his new 'common men' with secular insurgents and every kind of government, because being a good man and a good citizen is not always the same as every Prime Minister, the Defense Minister or The politician is not a patriot and it is a very big mistake to believe that every Kashmiri wants to be a nationalist, a resident of India!
In reality today's patriotism and patriotism is the last refuge of every evil person, patriotic patriotism is more hateful than anywhere else in his own country, injustice and immorality, and who, by rejecting such stubborn truths, patriots or nationalists He is the patriot of such a name, it is a nationalist who is the fastest who screams so that no one can know that the last And how is he crying ... ??
Friends, we should not be so blind in such a virtual and fraudulent captive patriotism that we can not face a bitter truth when it is wrong, it is wrong, whatever it is, or give it a name, true patriotism then It is only when the unfathomation of love for his people came first and nationalism then, when the enemies of the enemy, enemy nation and enemy country other than their people already earn .. !!
A true patriot and nationalist is the only one who says
"My country has been very good for me and I must also be good for my country"
Friends, I want to publish the true light of nationalism and patriotism ....
Now my India country has been forced to say that "I have no work of revolutionary knights, I want hardcore nationalist patriotic knight ... !!"
Today, the entire humanitarian and secular ideology that has spread the present time and the whole country has started to harm the "human only" including the country, which can not even be part of a communal or anti-trafficking Islamic terrorist, believe it or not, the truth is that Today's autonomous and anti-human humanitarianism with new interpretations is the only human enemy and the primary enemy of the nation, because it is the absolutist With the exception of independent sovereignty .... That's why, in my time, looking at our country and global environment, personally, it is very clear that humanism is the expression of foolishness and cowardice ... !!
Vande Mataram
कहा गया है कि “किसी देश का नाश केवल राष्ट्रवादी जूनून के तूफ़ान से रोका जा सकता है , लेकिन केवल वो जो खुद जुनूनी होते हैं दूसरों में राष्ट्रवाद का जूनून पैदा कर सकते हैं”,, और वैसे भी विभाजनकारी और गद्दारों की मानसिकताऐं तथा तासीर बदलने सा समय अब रहा नहीं अत: गद्दारी का खात्मा केवल गद्दारों के खात्मे से ही संभव है.. देशद्रोह और गद्दारी की सजा में खात्मे यानि मृत्युदंड का हमारे भारत में संवैधानिक प्रावधान है और मेरा मानना है कि जघन्य अपराधी समेत राष्ट्रद्रोही के, जनद्रोही के कोई मानवाधिकार नहीं होते ..!!
देखा जाये मित्रों तो अब हम भारतवासियों की व्यक्तिगत ख़ुशी के दिन बीत चुके हैं और वास्तविकता में एक बहुत अंधकारमय भविष्य हमारे दरवाजों पर दस्तक दे रहा है, राष्ट्र केआदमी बनने की जगह हम नवनेता चयन और नेता अनुगामी आम आदमी बनते जा रहे हैं, उसमें कोई बुराई नहीं पर अक्ल पर पत्थर डाल कर बनने का नाटक क्यों .. जबकि हम वास्तविकता में बिना नेता के ही आम आदमी तो पहले से हैं..सो ईमानमणिधारी बनने को पॉवर टोपी पहन कर छद्म धर्मनिरपेक्षता ,भाईचारे की आड़ में मुस्लिम सांप्रदायिकता को, अलगाववादियों, इस्लामिक आतंकवादी समर्थकों और दुर्दांत पर सौम्य मुखौटे में छुपे माओवादी नक्सलियों का पिछलग्गू बन कर नाम का आम आदमी बनने से कहीं अच्छा है कट्टर और हिंसक राष्ट्रवादी बन जाना …! !
मित्रों याद रखें कि राष्ट्रवाद हेतु या सामान्य जीवन हेतु भी संघर्ष ही सभी चीजों का जनक है, दुर्दांत व हिंसकता के ही पर्याय आज के बेरहम जानवरों की दुनिया में हम से निरीह इंसान मानवता के सिद्धांत से जीते या खुद को बचा नहीं सकते हैं ,बल्कि वो सिर्फ क्रूर संघर्ष के माध्यम से जिंदा रह पाते हैं ,आप इसे सीमा रक्षण हेतु शत्रुओं पर जवाबी आक्रमण या प्राथमिक आक्रमण समवेत घर के अंदर के नक्सली, माओवादी शत्रुओं व अराजक इस्लामिक आतंकवादियों के विरूद्ध राष्ट्रवादी वीर सैनिकों की संघर्षशीलता से समझ सकते हैं ,जिसमे कभी भी,कहीं भी राष्ट्रवादी सैन्य रक्षकों व शत्रुओं के बीच भाईचारे या संवाद समेत निर्वाचन, बहुमत आधारित नपुंसक प्रणाली पर ही निर्भर हो कर नहीं अपितु शत्रुओं, हमलावरों के समूल नाश व कठोरतम दंड प्रणाली द्वारा ही हमलों व राष्ट्रद्रोह को काबू किया जाता है .. जिसके कारण ही हम सामान्य व भयमुक्त जीवन जी पा रहे हैं …!!
आज के हमारे नपुंसक व आत्मसम्मान रहित हो चुके नेतागण और समर्थक सोचते हैं कि सीमा पर युद्ध और आतंकियों, नक्सलियों से व्यवहार मध्य युग की खेल-कूद प्रतियोगिताएं की तरह ही होने चाहिए और बातचीत से ही समस्याओं का निराकरण करना चाहिए किंतु सत्य तो इसके उलट ही है अत: ऐसा कोई भी गठबंधन जिसका उद्देश्य राष्ट्रद्रोहियों, आतंकियों और सहयोगियों समेत समर्थकों के विरूद्ध युद्ध करना नहीं है वो मूर्खतापूर्ण और बेकार है अपने आप में गद्दार व जनद्रोही है …!!
मित्रों आप सबको याद हो तो पहले यह सब नेतागण कहा करते थे कि अपने देश के लिए ही मरना अच्छा और सही है, लेकिन आज कल के समय में बिना युद्ध या युद्ध में आपके मरने में ना कुछ अच्छा है न सही है ,आप और हम बिना किसी ख़ास वजह के कुत्ते की तरह मार डाले जायेंगे , आज के तथाकथित देशप्रेमी हमेशा अपने देश के लिए मरने की तो बात बेबात , बेबाक हो कर करते हैं पर कभी भी अपने देश के लिये मारने की अत्यंत आवश्यक बात ही अब नहीं करते,,,क्यों ..??
आज हर देशभक्त का प्राथमिक कर्तव्य ही यही है कि वो अपनी और अपने भारतदेश की रक्षा उसके नव ‘आम आदमियों ‘ धर्मनिरपेक्ष जनद्रोहियों और हर तरह की सरकार से करे क्योंकि अच्छा आदमी और अच्छा नागरिक होना हमेशा एक जैसा नहीं होता जैसे हर प्रधानमंत्री, रक्षामंत्री या राजनेता देशभक्त नहीं होता तथा यह मानना बहुत ही बडी गलती है कि हर कश्मीरी ,राष्ट्रभक्त भारतवासी ही बनना चाहता है ,,, !!
वास्तविकता में आज की विज्ञापनी नव देशभक्ति और प्रचार में मस्त सेक्यूलरिज्म हर दुष्ट व्यक्ति की आखिरी शरण है, सच्ची देशभक्ति कहीं और से अधिक अपने ही देश में हो रहे अन्याय व अनैतिकता से घृणा करती है और जो ऐसे कडवे सत्यों को झुठला कर देशभक्त या राष्ट्रवादी बने वो सिर्फ ऐसा नाम का देशभक्त है ऐसा राष्ट्रवादी व्यक्ति है जो सबसे तेज इसीलिऐ चिल्लाता है ताकि कोई यह नहीं जान सके कि वो आखिर चिल्ला ही किस लिऐ रहा है…??
मित्रों हम सबको ऐसी आभासी व छद्मवेशी कूटरचित देशभक्ति में इतना अँधा नहीं होना चाहिए कि हम कटु सच्चाई का सामना ही ना कर सकें जब प्रत्यक्ष रूप से गलत है तो वो गलत ही है , फिर चाहे जो इसे कहे या नाम दें,, सच्ची देशभक्ति तब ही है जब अपने लोगों के प्रति अगाध प्रेम पहले आये और राष्ट्रवाद तब ,जब अपने लोगों के अलावा आंतरिक शत्रुओं, शत्रु देश के लोगों और शत्रु देश के प्रति नफरत पहले ही आये..!!
एक सच्चा देशभक्त और राष्ट्रवादी सिर्फ वही है जो कहे कि
“मेरा देश मेरे लिए बहुत अच्छा रहा है और मुझे भी अपने देश के लिए अच्छा होना ही चाहिए”
मित्रों मैं इसी राष्ट्रवाद और देशभक्ति के वास्तविक प्रकाश को चंहुओर प्रकाशित ही करना चाहता हूँ …!!
अब मेरा भारत देश यह कहने को मजबूर हो चुका है कि “मुझे क्रांतिकारी शूरवीरों का कोई काम नहीं है ,, मुझे कट्टर राष्ट्रवादी देशभक्त शूरवीर चाहियें …!!”
आज वर्तमान समय और चहुंओर फैली समग्र मानवतावादी और सेक्यूलर विचारधारा ने ही देश सहित “मानव मात्र” को वो नुकसान पहुँचाना शुरू कर दिया है जो कट्टर सांप्रदायिकता अथवा राष्ट्रदोही इस्लामिक आतंकवादी भी नहीं पहुंचा सकते,,, मानो या ना मानो पर सच यही है कि आज का नित नई व्याख्याओं वाला निरंकुश व द्रोही समग्र मानवतावाद ही मानव मात्र तथा राष्ट्र तक का प्राथमिक शत्रु है क्योंकि वह निरंकुशता के साथ स्वतंत्र उच्छंख्रलता ( Sovereignty ) का ही पक्षधर है….इसी कारण मेरा आज के समय में हमारे भारतदेश और वैश्विक वातावरण को देखते हुऐ व्यक्तिगत रूप से बहुत ही स्पष्टता से मानना है कि Humanitarianism is the expression of stupidity and cowardice अर्थात् मानवतावाद मूर्खता और कायरता की अभिव्यक्ति मात्र ही है…!!
वन्दे मातरम्
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