Indraprasth(New Delhi): In India, the products of camel milk are rarely seen, but still the silver and silver of those who hold the camel in Rajasthan and Gujarat these days are silver. The reason behind this is the increasing demand for camel milk in other parts of the world. Camel Milk has a lot of demand in many countries of the world, including the US. Camel milk is very popular in Saudi Arabia. Here the milk of the camel is also called white gold. There is no shortage of camel milk in the United Arab Emirates.
The milk of the camel is taken twice daily and a camel gives about seven liters of milk in one day. The milk of the camel is half fat in the milk of the camel. There are many advantages of camel milk in terms of health. Here's what helps to keep away the diseases of camel milk.
Treatment of diabetes is possible with urinal milk. The camel milk contains nutritious elements as well as plenty of insulin, which does not increase the amount of sugar in the body.
The milk of camel is like nectar in the increase in disease resistance. These are a natural antibiotic that gives the body of the body without any side effects to the great potential of fighting diseases.
The camel milk is digested immediately. Have lots of ingredients like milk sugar, protein, calcium, carbohydrate, sugar, fiber, lactic acid, iron, magnesium, vitamin A, vitamin E, vitamin B2, vitamin C, sodium, phosphorus, potassium, zinc, copper, manganese. Go.
It is said that calcium is found in cow's milk, but calcium is also found in camel milk more than that. Drinking it strengthens the bones, along with it contains lactoferrin, which helps fight cancer.
Research has proved that if a person's brain is weak, then he should drink a glass of milk every day and his brain will get sharpened. It is used mostly for children.
Blood is clean and correct from the elements found in which there are no liver diseases.
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नई दिल्ली। भारत में ऊंटनी के दूध के उत्पाद कम ही देखने को मिलते हैं लेकिन फिर भी राजस्थान और गुजरात में ऊंटनी रखने वालों की इन दिनों चांदी ही चांदी है। इसके पीछे वजह दुनिया के अन्य हिस्सों में ऊंटनी के दूध की बढ़ती मांग है। कैमल मिल्क की अमेरिका सहित विश्व के कई देशों में काफी मांग है। सऊदी अरब में ऊंटनी का दूध बहुत लोकप्रिय है। यहां ऊंटनी के दूध को सफेद सोना भी कहा जाता है। संयुक्त अरब अमीरात में ऊंटनी के दूध पीने वाले कम नहीं है।
ऊंटनी का दूध दिन में दो बार निकालते हैं और एक ऊंटनी एक दिन में करीब सात लीटर दूध देती है। गाय के दूध के मुकाबले ऊंटनी के दूध में आधा फैट होता है। हेल्थ के लिहाज से ऊंटनी के दूध के कई फायदे हैं। यहां जानिए किन रोगों को दूर रखने में मदद करता है ऊंटनी का दूध।
ऊंटनी के दूध से डायबिटीज का इलाज संभव हैं। ऊंटनी के दूध में पौष्टिक तत्वों के साथ-साथ इंसुलिन की भरपूर मात्रा होती हैं, जिससे शरीर में शुगर की मात्रा नहीं बढ़ती हैं।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में ऊंटनी का दूध अमृत के सामान है। ये एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक्स हैं जो बिना किसी साइड इफेक्ट के शरीर को रोगों से लड़ने की जबरदस्त क्षमता प्रदान करता हैं।
ऊंटनी का दूध तुरंत पच जाता है। इसमें दुग्ध शर्करा, प्रोटीन, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट,सुगर, फाइबर ,लैक्टिक अम्ल, आयरन, मैग्निशियम, विटामिन ए , विटामिन ई, विटामिन बी 2, विटामिन सी , सोडियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम, जिंक, कॉपर, मैग्नीज जैसे बहुत सारे तत्व पाए जाते हैं।
कहते हैं गाय के दूध में कैल्शियम होता है लेकिन इससे भी ज्यादा ऊंटनी के दूध में कैल्शियम पाया जाता है। इसे पीने से हड्डियां मजबूत होती है, इसी के साथ इसमें लेक्टोफेरिन पाया जाता है, जो कैंसर से लड़ने में मदद करता है।
शोध से साबित हो चुका है कि अगर किसी का दिमाग कमजोर है तो उसे रोज एक गिलास ऊंटनी का दूध पिलाएं उसका दिमाग तेज हो जाएगा। इसका उपयोग ज्यादातर बच्चों के लिए किया जाता है।
इसमें पाए जाने वाले तत्वों से खून साफ व सही रहता हैं जिससे लिवर की बीमारियां नहीं होती हैं।
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