Actually, this is the year 2009, in which Nadia Suleman, a woman who had created a world record by giving birth to 8 children at once. This was the first time in history when a woman had given birth to infants together. After this Nadia had become a famous face-to-face overnight. The whole world had started to know them. Not only that, you will be surprised if you know that Nadia was already the mother of 6 children.
Now you should be thinking that when Nadia had so many children, then what was needed and to create a child ..? Actually, Nadia had another child's wish. And this same desire made him the mother of 8 children. Although this has not happened naturally. In fact, Nadia had 12 embryo implants in a fondness of artificial law. Of which only 8 fetuses survive.
Nadia had to face a lot of difficulties in it. It is worth it to think that in the time of today's inflation, feeding of eight children will not lessen any challenge for Nadia. Once upon a time Nadia was so upset that he tried to commit suicide. But then he stopped after taking care of his children.
After this, Nadia accepted his life and started positively thinking to emerge from all the difficulties. After this Nadia went all right. Let me tell you, Nadia has a good job at this time. Now he is able to properly raise his 14 children. Six of the first six children of Nadia are now a little older, so they also help their mother.
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दरअसल, यह बात साल 2009 की है जिसमें नादिया सुलेमान नामक एक औरत ने एक ही बार में 8 बच्चों को जन्म देकर वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम किया था। इतिहास में यह पहली बार था जब किसी महिला ने एक साथ इनते बच्चों को जन्म दिया हो। इसके बाद नादिया रातों-रात एक मशहूर चर्चित चेहरा बन गई थी। पूरी दुनिया उन्हें जानने लगी थी। सिर्फ इतना ही नहीं इससे कहीं ज्यादा ताज्जुब तो आपको तब होगा जब ये जानेंगे कि नादिया पहले से ही 6 बच्चों की मां थी।
अब आप सोच रहे होंगे कि नादिया को जब इतने बच्चे थे तो फिर क्या जरूरत थी और बच्चे पैदा करने की..? दरअसल, नादिया की एक और बच्चे की चाहत थी। और इसी चाहत ने उसे 8 बच्चो की मां बना दिया। हालांकि ऐसा प्राकृतिक रूप से नहीं हुआ है। दरअसल नादिया ने एक और औलाद की चाहत में कृत्रिम विधि से 12 भ्रूण प्रत्यारोपित करवाए थे। जिनमें से केवल 8 भ्रूण ही जीवित रह पाए।
नादिया को इसमें काफी मुश्किलों का भी सामना करना पड़ा। वैसे सोचने वाली बात है कि आज के इस महंगाई के दौर में 8 बच्चों का पेट भरना उनका लालन पालन नादिया के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा। एक बार तो नादिया इतनी ज्यादा परेशान हो गई थी कि उसने आत्महत्या करने की भी कोशिश की। लेकिन फिर अपने बच्चों को ख्याल करके वह रुक गई।
इसके बाद नादिया ने अपने जीवन को स्वीकारा और सारी मुश्किलों से उभरने के लिए सकारात्मक सोच रखना शुरू किया। इसके बाद नादिया के लिए सब सही होता चला गया। बता दें, इस समय नादिया की अच्छी नौकरी लग चुकी है। अब वह अपने 14 बच्चों का अच्छी तरह से लालन-पालन कर पा रही है। नादिया के पहले के छह बच्चे अब थोड़े बड़े हो चुके हैं इसलिए वे भी अपनी मां की मदद करते हैं।
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@Pinoy
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