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RE: सुख : स्वरूप और चिन्तन (भाग # २) | Happiness : Nature and Thought (Part # 2)

in #life6 years ago

Gerat post nic salok जिसका मन जिससे मिला, उसको वही सुहाय ।

द्राक्षा गुच्छ को छोड़कर, काग नीबोली खाय ।।