"सबसे बड़ा धर्म वह होता है जो मनुष्य अपने तन मन धन से अपना पूरा जीवन अपने माँ बाप की सेवा करने लिए उनके चरणों में गुजार दे उसे ही हम सच्चा धर्म कहेंगे साथ ही अगर हम दान धर्म की बात करते है तो कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार की विपत्ति में हो तो हमारे द्वारा कि गयी निस्वार्थ सहायता ही उस व्यक्ति के लिए दान धर्म है"
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