मन के हारे हार है मन के जीते जीत, जो व्यक्ति किसी काम को करने से पहले अगर मन में हार मान लेता है तो उसको कोई भी उस काम में सफल नहीं करा सकता और जो व्यक्ति अपने मन में अपनी जीत मान कर कोई काम करता है तो उसको कोई हरा नहीं सकता।@mehta सही कहा सर जी आपने -संयम के इन आठ प्रकारों में सर्वप्रथम मन-संयम अधिक महत्वपूर्ण है क्यूकि मन ही सबसे ज्यादा चंचल होता है और मन से बलवान भी कोई चीज नहीं तभी तो कहा गया है
धन्यवाद् सर आप के एक और ज्ञान वर्धक अध्याय के लिए