सचमे आज के समय में एक सत्य बोलने वाले इंसान का जीना मुस्किल होता जा रहा हे जहा देखो वहा जुट बोला जा रहा हे जो सत्य बोलता हे उसे लोग पागल और पुराने जमाने के बोलते हे कहते हे ये मोर्डेन टाइप नहीं हे जुट बोलने का करना कही हद तक मोबाइल फ़ोन भी हे हर कोई बोल देता हे बहार हु मीटिंग में हु आज कल तो अगर कोई सत्य भी बोलता हे तो लोगो को एसा लगता हे जेसे वह जुट ही बोल रहा हे
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