रमणीक रामणी गाँव का अभिभूत कर देने वाला नैर्सगिक प्राकृतिक सौंदर्य। तो आप फिर कब आ रहे हो रेमजे के रामणी....
---कहां है रामणी गाँव!
सीमांत जनपद चमोली के घाट ब्लाक का बेहद खूबसूरत गाँव है रामणी। विगत दिनों ये गाँव तब लोगों के मध्य चर्चा में आया जब प्रख्यात लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी जी के--- गर्ररर ऐगे हे बरखा झुकी ऐगे -- गीत का फिल्मांकन इस गाँव मे किया गया।
रेमजे के नाम से गांव का नाम रामणी नाम पडा!
लोगो की मानें तो रामणी गांव की सुंदरता से स्कॉटिश मूल के कमिश्नर हेनरी रेमजे अभिभूत हो गये थे जिसके कारण ही इस गाँव का नाम रेमजे से रामणी हो गया था। उत्तराखंड में कमिश्नर हेनरी रैमजे का शासन 1856-1884 तक रहा। इस दौरान वे कई बार रामणी आये थे। उन्होंने उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों की सुंदरता, सांस्कृतिक व धार्मिक मान्यताओं को पूरा महत्व दिया। 132 वर्ष के अंग्रेजी राज में 70 वर्ष स्कॉटिश मूल के कमिश्नर भारत में रहे। ट्रेल, बेटन व रैमजे उत्तराखंड को अपने घर की तरह मानते थे। उन्होंने परंपरागत कानूनो को महत्ता दी, स्थानीय लोक संस्कृति व धार्मिक मान्यताओं का रखा ख्याल रखा।
कमिश्नर हेनरी रेमजे से लेकर लार्ड कर्जन को भायी थी रामणी की सुंदरता!
स्कॉटिश मूल के कमिश्नर हेनरी रेमजे के बाद लार्ड कर्जन भी रामणी के मुरीद बने थे। ग्वालदम से तपोवन 200 किमी का ऐतिहासिक पैदल लार्ड कर्जन रोड भी इस गाँव से होकर जाता है। वर्ष 1899 में लार्ड कर्जन जब उत्तराखंड की यात्रा पर आए तो वे घाट विकासखंड के रामणी गांव में भी पहुंचे। रामणी गांव की प्राकृतिक सुंदरता उन्हें इतनी भायी कि लार्ड कर्जन ने कुछ समय यहीं गुजारा। आज भी लार्ड कर्जन का बंगला रामणी गांव में मौजूद है। तब उन्होंने इस क्षेत्र के विकास के लिए पैदल ट्रैक का निर्माण भी किया। ब्रिटिश व अन्य विदेशी पर्यटक अभी भी इस ट्रैक से गुजरकर क्षेत्र के दर्जनों पर्यटन स्थलों की सैर करने के लिए प्रतिवर्ष यहां आते हैं।