मनुष्य का धर्म है निःस्वार्थ भाव से सभी जीवों में बिना भेद भाव किये सेवा करना। यही सच्चा मानव धर्म है।
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मनुष्य का धर्म है निःस्वार्थ भाव से सभी जीवों में बिना भेद भाव किये सेवा करना। यही सच्चा मानव धर्म है।
Yahi dharam hai aur isi ko jeevan kahte hai