कभी - कभी हमारे नजरो के सामने कुछ ऐशी चीजें
आती है। जिसे हम देखकर , सुन या पढ़ कर खुदको रोक नही पाते ओर न जाने क्यों हमारे आँखों
से खुद ब खुद आँशु गिरने लगते है..😢😢
बहुत शर्म आई, मगर कलम रुक ना पाई.....
एक स्त्री के पैरो के बीच से जन्म लेने के बाद उसके वक्षस्थल से निकले "दूध" से अपनी "भूख" प्यास मिटाने वाला मर्द बड़ा होते ही नामर्द बन जाता है "औरत" से इन्हीं दो अंगो की चाहत रखने लगता है। ..
और अगर असफल होता है तो इसी चाहत में रेप करता है,लड़की के पास योनि और मांस का दो लोथड़ा होता है जो तुम्हे और तुम्हारे वारिस को जन्म देने और भूख मिटाने के लिया था लेकिन तुम तो ठहरे नामर्द जो लड़की की शर्ट के दो बटनों के बीच के गैप से स्तन झाँकने की कोशिश करते हो.. जो सूट के कोने से दिख रही ब्रा की स्ट्रिप को घूरते रहते हो और लड़की की स्तन का इमैजिनेशन करते रहते हो जो स्कर्ट पहनी लड़की की टाँगे घूरते रहते हो कब थोड़ी सी स्कर्ट खिसके कब पेंटी का कलर देख सके। पेंटी न तो कुछ तो दिखे।
तुम जैसे नामर्द के बारे मे सोच के घिन्न आती है यही औरत ने जन्म दिया तुम्हें और तुम्हारे वारिस को लेकिन तुम नामर्दों ने जब चाहा हिंदु -मुस्लिम कर दिया है ,जब जी चाहा वोट के चक्कर में बलात्कारी को बचाने लगते हो जब जी चाहा मसला कुचला, जब जी चाहा दुत्कार दिया|
सोच बदलो नामर्दो सोच जैसा ढान्चा, सब कुछ दुसरो की माँ ,बहन की है ,वैसा तुम्हारे माँ बहन की है |
फ्रेंड्स आज के पोस्ट में इतना ही धन्यबाद। ..
Jack Rora
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haha Nice wow ya Great
Thanks for not Supporting me..
Hmm.Do you just write or believe into this also. BTW nice word.
Thanks sultan bhai..