Hello friends I am sandeep kumar this is a my first poem I'm not an author But am trying to write..
I like writing poetry This poem we have written in Hindi...।
यह जिन्दगी है जिन्दगी को जीने की जरुरत होती है,
खुद चलती नहीं कस्तिया समुन्दर मे उसे चलाने की जरूरत होती है,
खुदा के भरोसे बैठने से कुछ नहीं होने वाला खुदा को भी हमारे कर्मो कि प्रतिक्षा होती है,
खुद चलती नहीं कस्तिया समुन्दर मे उसे चलाने की जरूरत होती है,
यह जीवन भी एक युद्ध क्षेत्र है यहां हर पल लडने की जरूरत होती है,
खुद चलती नहीं कस्तिया समुन्दर मे उसे चलाने की जरूरत होती है,
कुछ करने का हौसला है जिसमें बस जीत उसी की होती है,
खुद चलती नहीं कस्तिया समुन्दर मे उसे चलाने की जरूरत होती है,
सन्दीप कहें वह जीवन धन्य है जो सहारा किसी को देती है,
खुद चलती नहीं कस्तिया समुन्दर मे उसे चलाने की जरूरत होती है,
Hello friends..
Tell me how this poem sounds
Very good poem.....
Nice lines
Very 2 thanks for you