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भारत-भूमि,जन्म-सुधा-रस,
मन-तृप्ति अभिरायो
मन-तृप्ति अभिरायो
मैं जग-माही,जन-कल्याणक ,
स्वप्न मह्या अभिरासो
स्वप्न मह्या अभिरासो
ते कल्याण,है स्वप्न ये मेरा,
जन्म मेरा न्यौछावर
जन्म मेरा न्यौछावर
जन्म-भूमि है,कर्म-भूमि हो,
यही मेरी अभिलाषा
यही मेरी अभिलाषा
पुलकित है , ये रोम रोम,
गाये जन-गण-मन गाथा
गाये जन-गण-मन गाथा
कश्मीर के नारे,अन्तरिप तक,
गूँजे भारत माता
गूँजे भारत माता
भारत-भूमि,जन्म-सुधा-रस,
मन-तृप्ति अभिरायो
मन-तृप्ति अभिरायो
मैं जग-माही,जन-कल्याणक ,
स्वप्न मह्या अभिरासो
स्वप्न मह्या अभिरासो
इस देश हर कोने कोने मे
बहती , गंगा माता
बहती है गंगा माता देख छवि उसकी ये सभी
बोले हर , हर गंगे
बोले हरहर वो गंगे
इस देश हर वाणी भाषा मे
गूँज रही गंगा माता
गूँज रही गंगा माता
भारत-भूमि,जन्म-सुधा-रस,
मन-तृप्ति अभिरायो
मन-तृप्ति अभिरायो
मैं जग-माही,जन-कल्याणक ,
स्वप्न मह्या अभिरासो
स्वप्न मह्या अभिरासो कवि
Bharat-Mata Ki Jai
Thats what india is really thanks for such post .
bahut bdhiya rachnaa hai. kavi ko namn