Hello friends I sandeep kumar ,
यह शायरी नहीं मेरे दिल की सच्चाई है ,
दिल ने माना जिसे अपनी पहली मोहब्बत
वह निकली आज हरजाई है ।
मैं नहीं चाहता की जमाने मेंं उसकी रुसवाई हो,
पर दिल का दर्द इतना है कि जुबां पे शायरी बन के आई है।।6
दूर जाता हूँ तो याद आती है उसकी झूठी मोहम्मद ,
पास आता हूँ तो दर्द देती है उसकी बेवाफाई ।
अब ईश्वर से यही पूछता हूँ हरपल ,
की मोहब्बत की ये कैसी सजा हमने है पाई ।।7।।
🥀🥀🥀🥀sandeep kumar🥀🥀🥀🥀
i cam from telegram give back some feedback okay..!
Nice line @nick750566 followme and keep support me...
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even Russia was mentioned) but I did not understand in good meaning or not :)) but it's not so important. Good poetry, as always
Hello andrianna , do u know Hindi.?
बहुत बढ़िया!!!!!
nice