**एक शे'र**
तुम्हारे ख़्वाबों को शाइस्तगी नहीं आती ,
हमारी नींद का जीना मुहाल करते हैं ।
राकेश 'नादान'
**एक शे'र**
तुम्हारे ख़्वाबों को शाइस्तगी नहीं आती ,
हमारी नींद का जीना मुहाल करते हैं ।
राकेश 'नादान'
Wow! Today your poetry is being a killer