नारी भी धारण कर सकती है यज्ञोपवीत -
उपनयन का अर्थ होता है "सन्निकट ले जाना" अर्थात ब्रम्ह और ज्ञान के निकट ले जाना।
इसे विद्यारम्भ संस्कार भी कहा जा सकता है। यह 16 संस्कारों में से दशम संस्कार है , जो कि प्रत्येक मानुष्य को अपने कर्तव्यों का स्मरण करता है।
यज्ञोंपवीत को जनेऊ, उपवीत, यज्ञसूत्र, व्रतवन्ध, और ब्रम्हसूत्र भी कहा जाता है।
प्राचीन काल मे उभय नारी तथा पुरुष को विद्या प्राप्त करने की अधिकार था, अतः #बालिकाओं को भी उपनयन संस्कार किया जाता था, और वे भी जनेऊ/यज्ञोपवीत धारण करती थी।
आचार्य उपनयमानो ब्रम्हचारिणम् कृणुते गर्भमन्तः।
त रात्रीस्तिस्त्र उदार विभत्ति तं जातंद्रष्टुमभि संयन्ति देवाः।।
अर्थात- गर्भ में राहक़त माता और पिता के संबंध से मानुष्य का पहला जन्म होता है। दूसरा जन्म विद्या रूपी माता और आचार्य रूपी पिता द्वारा गुरुकुल में उपनयन और विद्याभ्यास द्वारा होता है।
नारी भी यज्ञोंपवीत धारण करती थी इस के उदाहरण कईं स्थानों से प्राप्त होती है।
1-
पराशर-संहिता के प्रसिद्ध भाष्यकार मध्वाचार्य अपने टिका में लिखते हैं
द्विविधा स्त्रियो ब्रम्हवदिन्यः सद्यवधवश्च।
तत्र ब्रह्वादीनानाम् अग्निवंधनम् वेदाध्ययनम् स्वगृहे भिक्षा इति, वधूनाम् तू उपस्थिते विवाह कथंचित् उपनयनम् कृत्वा विवाह कार्यः।।
अर्थात-
दो प्रकार की स्त्रियाँ होती हैं---
ब्रम्हवादिनी-जिनका उपनयन होता है , जो अग्निहोत्र करती है।
सद्यवधवः - जिनका शीघ्र ही विवाह होना है। इन स्त्रियों का भी जिन का शीघ्र ही विवाह होना है उन का भी उपनयन संस्कार कर के विवाह संपन्न करना चजिये
2-
(गोभीलिय गृह्यसूत्र, 2.1.19--21)
#प्रवृतां यज्ञोंपवितिनीम् अभ्युदानयन् जपेत् ।
सोमोअददत् गन्धर्वाय इति।।
अर्थात-कन्या को कपड़े पहने हुए , यज्ञोंपवित धारण किए हुए पति के निकट लाएं तथा यह मंत्र पढ़ें "सोमोअददत्"
पुराकल्पे हि नारीणां मौञ्जीबन्धनमिष्यते।
अध्यापनं च वेदानां सावित्रीवाचननं तथा।।
अर्थात- प्राचीन काल में स्त्रियों का उपनयन होता था, वे वेदादि शास्त्रों का अध्ययन भी करती थी।
3-
कादम्बरी महाकाव्य में महाकवि बाणभट्ट ने महाश्वता का वर्णन करते हुए लिखा है।
"ब्रम्हसूत्रेण पवित्रीकृतकायाम्"
अर्थात- जिसका शरीर #ब्रम्हसूत्र धारण करने के कारण पवित्र था।
यज्ञोंपवीत में मूल रूप से 3 धागे होते हैं, जो मानुष्य को देवऋण, पितृ ऋण, ऋषि ऋण का स्मरण करता है, इसी कारण #यज्ञोंपवीत को #व्रतबन्ध भी कहा जाता है।
और अपने कर्तव्यों का पालन उभय नारी तथा पुरुष के लिए अनिवार्य है।
अतः नारियों को भी यज्ञोंपवीत धारण करने का अधिकार है।
(Source): https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1411873355612670&id=100003700580960
Ek baar punh padhro
Defended (5.35%)
Everything You Need To Know About Sneaky Ninja
woosh Summoned by @fularam4u Sneaky Ninja supports @youarehope and @tarc with a percentage of all bids.