आपने बहुत अच्छा किया जो अपने बेटे को sports के लिए भेज दिया, वरना आजकल के बच्चे तो मोबाइल और विडियो गेम छोड़ते ही नहीं है.
मैं अपने बचपन में सभी game खेलना पसंद करता था जैसे क्रिकेट, फुटबॉल, बैडमिंटन, हॉकी, रौंडल, कंचे, खुज्जा, पतंगबाजी और जाने क्या-क्या, बस खेलने को मिलना चाहिए. बचपन में और काम ही क्या था, पढ़ते तो हम ज्यादा थे नहीं, बस कुछ न कुछ खेलना है.
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भाई, इतने सारे खेलों के तो नाम ही नहीं सुने मैंने अब तक!
रौंडल, कंचे, खुज्जा... कभी इनके बारे में भी लिखो तो हम भी कुछ जाने!
हा हा !!रौंडल और खुज्जा तो मैंने भी नहीं सुना अब तक.!