सुप्रीम कोर्ट से एक ऐसी खबर आ रही है जिसको सुनकर एक समुदाय तो हो सकता है नाराज हो मगर एक समुदाय ऐसा है जो बहुत ही खुश होगा जी हां जैसा कि आप जानते हो कि भारत में समय समलैंगिकता अपराध माना जाता है और इसे पसंद भी नहीं किया जाता मगर सुप्रीम कोर्ट ने यहां तक अपना फैसला सुना दिया है कि अगर आपस की रजामंदी से अगर कोई समलैंगिकता के तहत कोई रिलेशनशिप किसी के साथ भी कोई भी रखता है तो हम उसे अपराधी नहीं कह
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सकते और कानून इसके ऊपर कुछ नहीं कहेगा उसे अपनी जिंदगी अपने ढंग से जीने का बिल्कुल ही अधिकार है इसी बात को लेकर जो मोदी जी से हम ना तो औरत कहते हैं ना तो मर्द ऐसे लोगों के लिए एक राहत की सांस यह फैसला सुप्रीम कोर्ट का उनके लिए साबित हुआ है और वह बेहद इस से खुश है क्योंकि कुछ ऐसे लोग भी हमारे समाज में है जो ना तो पूरी तरह मर्द है और ना ही पूरी तरह औरत इसीलिए जो बीच का तनखा है वह बहुत ही खुश है इस फैसले से क्योंकि हमारे भारत में फ्रीडम ऑफ स्पीच है तो फिर फ्रीडम ऑफ लाइफ क्यों नहीं होना चाहिए इसी के तहत सुप्रीम कोर्ट ने बहुत ही बड़ी राहत दी है मगर समाज में इस मुद्दे को लेकर बहस भी शुरू हो गई है कि आखिरकार यह सब करने की क्या जरूरत है
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