You are viewing a single comment's thread from:RE: Ecency waves Apr 19View the full contextView the direct parentsagarkothari88 (74)in #waves • 8 months ago भय बिनु होई न प्रीति
क्षमाशील हो रिपु-समक्ष
तुम हुये विनत जितना ही
दुष्ट कौरवों ने तुमको
कायर समझा उतना ही।
विनय न मानत जलधि जड़, गए तीनि दिन बीति।
बोले राम सकोप तब, भय बिनु होइ न प्रीति।।
भय बिना प्रीत कहाँ होती है, और कलि युग में तोह बिलकुल नहीं, यही यथार्थ है
🙏