मेहता साहब। खराब केवल ऐसे आयोजन में लगने वाला अंधाधुंध पैसा है। ज़्यादातर ये पैसा कैसे आता है सभी को पता है।
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मेहता साहब। खराब केवल ऐसे आयोजन में लगने वाला अंधाधुंध पैसा है। ज़्यादातर ये पैसा कैसे आता है सभी को पता है।