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RE: जिनवाणी : जीवन और आचरण -- भाग # ४

in #life7 years ago

jai jinendra saa

यही हम स्वयं सदाचारी बने रहेंगे तो हममें इतनी शक्ति भी बनी रहेगी कि हम स्वकल्याण के साथ-साथ परकल्याण भी कर सकें – भूले हुओं को मार्गे दिखा सकें ।

बहुत उच्च सोच जो सम्पूर्ण प्राणी मात्र का कल्याण कर सकती हैं। बहुत साधुवाद।