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RE: धर्म का प्राणतत्व : विनय (भाग # २) | The Life of Religion : Modesty (Part # 2)

in #life6 years ago

@mehta please clear the meaning of अशक्य in this sentence "आज का समाज जब तक इस बीमारी का उचित समाधान नहीं करता, तब तक समाज का उद्धार होना अशक्य है "