आज का शे'रrakeshnaadaan (46)in #prameshtyagi • 7 years ago **एक शे'र** ये हक़ीक़त थी या ख़्वाबे-नाक़ाम था , ख़ूब सोचा प 'नादान' अनजान था ; सुब्ह की ख़ुशनुमा ले के पहली किरन , देखिए दर पे वो आफ़ताब आ गया । राकेश 'नादान' #poetry #shayari
Wah ustad....maja aa gya :)
Vah vah